
गैर आरक्षित वर्ग का मतलब – अनारक्षित श्रेणी का मतलब है कि ये एक ऐसा वर्ग है जिसमें कोई भी व्यक्ति आता है जो भारतीय संविधान के अनुरूप आरक्षित वर्ग में नहीं आता है।
अनारक्षित श्रेणी में आमतौर पर ये लोग आते हैं:
सवर्ण जातियां (सामान्य जातियां) जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और अन्य।
जो लोग अनुसुचित जाति (एससी), अनुसुचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणियों में नहीं आते हैं।
यूआर श्रेणी के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं होती है, और इस वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी मिलती है, शिक्षा और किसी भी क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है।
अनारक्षित (UR) श्रेणी के लिए कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु:
- सरकारी नौकरी: अनारक्षित श्रेणी के लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है।
- शिक्षा: अनारक्षित श्रेणी के लोगों को शिक्षा में आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है।
- चुनाव: अनारक्षित श्रेणी के लोगों को चुनाव में आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है।
- योजनाएँ: अनारक्षित श्रेणी के लोगों को कुछ विशेष योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है।
- आर्थिक सहायता: अनारक्षित श्रेणी के लोगों को आर्थिक सहायता की सुविधा नहीं मिलती है।
लेकिन, अनारक्षित (यूआर) श्रेणी के लोगों को भी कुछ अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं, जैसे:
- समानता का अधिकार: अनारक्षित (यूआर) श्रेणी के लोगों को समानता का अधिकार मिलता है।
- न्याय का अधिकार: अनारक्षित (यूआर) श्रेणी के लोगों को न्याय का अधिकार मिलता है।
- शिक्षा और रोजगार की सुविधा: अनारक्षित (यूआर) श्रेणी के लोगों को शिक्षा और रोजगार की सुविधा मिलती है।
ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अनारक्षित (यूआर) श्रेणी के लोगों को भी कुछ अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती।
अनारक्षित वर्ग में कौन-कौन सी जातियां आती हैं
उत्तर प्रदेश में अनारक्षित (यूआर) श्रेणी में विभिन्न जातियाँ शामिल हैं जो अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों के अंतर्गत नहीं आती हैं। यहाँ कुछ ऐसी जातियाँ दी गई हैं जिन्हें आम तौर पर उत्तर प्रदेश में UR श्रेणी में माना जाता है।
गैर आरक्षित वर्ग (श्रेणी) में अमतौर पर ये समुदाय आते हैं:
ब्राह्मण और उनके उपश्रेणियाँ
- ब्राह्मण
- गौड़ ब्राह्मण
- सारस्वत ब्राह्मण
- त्यागी ब्राह्मण
क्षत्रिय और उनके उपश्रेणियाँ
- क्षत्रिय
- राजपूत
- ठाकुर
- सूर्यवंशी
वैश्य और उनके उपश्रेणियाँ
- वैश्य
- बनिया
- महाजन
- गुप्ता
कायस्थ और उनके उपश्रेणियाँ
- कायस्थ
2.माथुर कायस्थ - श्रीवास्तव कायस्थ
अन्य समुदाय
- पंडित
- भट्टाचार्य
- मुखर्जी
- चटर्जी
ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अनारक्षित श्रेणी में आने वाले समुदाय अलग-अलग क्षेत्र और राज्य में अलग-अलग हो सकते हैं। और यह सूची संपूर्ण नहीं है। इसके अतिरिक्त, यह पहचानना आवश्यक है कि जाति व्यवस्था भारत में एक जटिल और संवेदनशील विषय है, और इसके निहितार्थ दूरगामी हो सकते हैं।