पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था 2011 की जनगणना के आधार पर की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराने का फैसला किया है।
यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण की ताजा खबर

पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पिछली बार कुछ खास समुदायों के लोगों या महिलाओं के लिए जो विशेष सीटें रखी गई थीं, वे इस चुनाव में बदल सकती हैं। वे वर्तमान में गांवों का अध्ययन कर रहे हैं कि सीटों को निष्पक्ष रूप से कैसे विभाजित किया जाए।
एक बार जब वे इस अध्ययन को पूरा कर लेंगे, तो वे तय करेंगे कि सीटों को कैसे आवंटित किया जाए। कुछ गांवों में अभी अलग नियम हो सकते हैं, और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आने वाले चुनावों के लिए सब कुछ निष्पक्ष और स्पष्ट हो।
आपको ये जानना ज़रूरी है :
- आरक्षण का आधार: ग्राम पंचायतों में सीटों का आरक्षण 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।
- महिलाओं के लिए 33% आरक्षण: स्थानीय शासन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए हर श्रेणी में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
- सीटों का रोटेशन: अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित सीटें निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए रोटेशनल सिस्टम का पालन करेंगी।
- पंचायत चुनाव: जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधान पदों के लिए चुनाव होंगे।
- राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग: सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट’ मानदंड के आधार पर ओबीसी आरक्षण निर्धारित करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन किया जाएगा।
आरक्षण के लिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों का उपयोग करने का निर्णय कानूनी मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने और सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए किया गया है। इस कदम का उद्देश्य स्थानीय शासन में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देना है।